मम्मी मुझे विकास नाम नहीं रखना है, मेरा नाम बदलवाइए चाहे स्कूल से नाम ही क्यों न कटवाना पड़े। बारह साल के विकास जायसवाल के दिलोदिमाग पर कानपुर बिकरू कांड का ऐसा असर पड़ा कि उसे अपने नाम से ही चिढ़ हो गई। विकास चाहता है कि परिवार और स्कूल में अब उसे अवि के नाम से जाना जाए।
स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत मां वंशिका जायसवाल बताती हैं कि तीन जुलाई को समाचार आया कि कानुपर के बिकरू में दहशतगर्द विकास दुबे और उसके साथियों ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी है। बताती हैं कि इसके बाद से बेटा विकास बेचैन सा रहने लगा। टीवी पर विकास दुबे का समाचार चलता तो बेटा चैनल बदलने की जिद करता, नहीं बदला जाता तो रुआंसा होकर दूसरे कमरे में चला जाता। घटना के बाद से वह गुमसुम सा रह रहा था।
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शुक्रवार को विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत होने का समाचार सुनने के बाद उसके व्यवहार में थोड़ा बदलाव आया और परिवार के सदस्यों से थोड़ी बात करने लगा। विकास दुबे की मौत के बाद उसने कहा कि मम्मी मेरा नाम विकास नहीं रखो, अब मुझे अवि कह कर बुलाया करो।
पहले तो परिवार के सदस्य उसकी बात को मजाक समझे लेकिन अब वह तब तक जवाब नहीं देता जब तक उसे अवि कह कर नहीं बुलाया जाए, विकास के नाम को बिलकुल अनसुना कर देता है। कक्षा आठ में पढ़ने वाले विकास ने बताया कि न जाने क्यों उसे यह नाम कलंकित करने वाला लगने लगा, अबसे वह अवि ही है।